Friday 28 September 2018

महिलाओं में गर्भपात के बाद हार्ट अटैक का खतरा 40 प्रतिशत बढ जाता है

हर साल दुनिया भर में लगभग 12 लाख लोग हार्ट अटैक या हार्ट से जुड़ी बीमारीयों से मर जाते है। यह बीमारी अमीर हो या गरीब को प्राभावित करता है। बहुत से लोग यह सोचते है कि ये बड़े बुजुर्गो को होता हैं। पर ऐसा नहीं है। ये किसी को भी कभी हो सकती है। खास कर लोगों का माना है कि यह पुरूषों अधिकतर होता है। बल्कि महिलायें में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है क्योंकि माॅनोपोज के बाद दिल के दौरे और दिल से जुड़ी बीमारी की आशांका बहुत बढ़ जाती है। 
एक शोध के अनुसार महिलाओं में गर्भपात के बाद हार्ट अटैक का खतरा 40 प्रतिशत बढ जाता है। इसके साथ मृतप्रसव के बाद भी हार्ट अटैक का खतरा 3ण्5 गुना बढ जाता है।

उन महिलाओं को जिन्हे पीसीओस है उनमें हार्ट अटैक खतरा जिन महिलाओं को यह बीमारी नहीं है से 5 से 7 गुना अधिक होता है। पीसीओस से ग्रसित महिलाओं में गर्भपात होने का खतरा भी अधिक होता है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एकमात्र लाभ एस्ट्रोजेन हार्मोन के रूप में मिलता है। लेकिन रजोनिवृति के बाद एस्ट्रोजन का स्तर घट जाता है और इसलिए इससे मिलने वाली सुरक्षा भी कम हो जाती है और रजोनिवृति के दस साल बाद हार्ट अटैक का खतरा और भी अधिक बढ जाता है।


मोटापा और हार्ट अटैक

मोटापे के शिकार लोगों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। आस्ट्रेलिया के एडीलेड विश्विद्यालय के एक शोध के अनुसार मोटापे से सीधे तौर पर ह्दय के रक्त प्रवाह में असामान्यताएं पैदा होती है जिससे मोटे लोगों में दिल का दौरा पडने का खतरा बढ जाता है। शोध में ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि मोटापे से ह्वय की मांसपेशियों की संरचना और आकार में बदलाव आता हैं और मोटापे की वजह से इन मांसपेशियों का काम भी प्रभावित होता है। इसकी वजह से एट्रियल फिबिल्रेशन नामक ह्दय गति विकार की समस्या उत्पन्न होती है। इस वजह से मोटे लोगों में दिल का दौरा पडने का खतरा बढ जाता है।

वक्त पर सही डाइट लेने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और इससे मोटापा भी नहीं बढ़ता है। कई बार हमारा दिमाग पहचान नहीं पाता है कि भूख है या प्यास। ऐसे में जब भी भूख लगे, एक गिलास पानी पी लें। अगर फिर भी भूख लगे तो कुछ खा लें। इससे खाने का हिस्सा कम हो जाता है और पेट के भरे होने का अहसास भी होता है। अगर आप वनज कम करने के लिए डाइटिंग कर रहे हैं तो किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें, क्योकि इससे आपको अन्य समस्याओं का सामना करना भी पड़ सकता है। जैसे आंखों के नीचे काले घेरे, स्किन का बेजान और ढीला होना, बालों का झड़ना जैसी समस्याएं हो सकती है। 

खाना धीरे-धीरे और चबा-चबा कर खाना चाहिए। डिनर और सोने के बीच दो-घंटे का फासला होना चाहिए, वरना पेट पर फैट जमा हो जाता है। तीन बार खाना न खा कर पांच या सात बार खाएं। इसके साथ-साथ शराब व धूम्रपान न करें।

अगर आप अपना वनज कम करना चाहते हैं तो ऐसा खाना खाएं, जिसमें प्रोटीन व फाइबर अधिक मात्रा में हो। जैसे चोकर वाला आंटा, दलिया, जौ, राई, दही दूध, सोया मिल्क, सेब का जूस, गाजर का जूस, पाइनएपल जूस, औरेंज जूस, मल्टी ग्रेन ब्रेड, होल वीट ब्रेड, सेब अखरोट, औरेंज, अंगूर, बोभी, पालक, टमाटर, मटर, केला, मूंगफली, सोया, चना, राजमा, अंडे का सफेद हिस्सा आदि में प्रोटीन व फाइबर अधिक होता है जोकि सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

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