हर साल दुनिया भर में लगभग 12 लाख लोग हार्ट अटैक या हार्ट से जुड़ी बीमारीयों से मर जाते है। यह बीमारी अमीर हो या गरीब को प्राभावित करता है। बहुत से लोग यह सोचते है कि ये बड़े बुजुर्गो को होता हैं। पर ऐसा नहीं है। ये किसी को भी कभी हो सकती है। खास कर लोगों का माना है कि यह पुरूषों अधिकतर होता है। बल्कि महिलायें में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है क्योंकि माॅनोपोज के बाद दिल के दौरे और दिल से जुड़ी बीमारी की आशांका बहुत बढ़ जाती है।
एक शोध के अनुसार महिलाओं में गर्भपात के बाद हार्ट अटैक का खतरा 40 प्रतिशत बढ जाता है। इसके साथ मृतप्रसव के बाद भी हार्ट अटैक का खतरा 3ण्5 गुना बढ जाता है।
उन महिलाओं को जिन्हे पीसीओस है उनमें हार्ट अटैक खतरा जिन महिलाओं को यह बीमारी नहीं है से 5 से 7 गुना अधिक होता है। पीसीओस से ग्रसित महिलाओं में गर्भपात होने का खतरा भी अधिक होता है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एकमात्र लाभ एस्ट्रोजेन हार्मोन के रूप में मिलता है। लेकिन रजोनिवृति के बाद एस्ट्रोजन का स्तर घट जाता है और इसलिए इससे मिलने वाली सुरक्षा भी कम हो जाती है और रजोनिवृति के दस साल बाद हार्ट अटैक का खतरा और भी अधिक बढ जाता है।