Tuesday 9 April 2024

Planning pregnancy in mid or late 30’s: Know some lifestyle changes

We are all aware that a woman's fertility can decrease as she gets older. Women are born with a fixed number of eggs, and as they get older, both the quantity and quality of these eggs decrease. That shouldn't concern you, though, as the majority of women can conceive naturally and give birth to a perfectly healthy child at 35 years old.

According to a study done in UK, women between the ages of 35 and 39 had a 29% chance of becoming pregnant on their day of greatest fertility. However, if their partner was five years older, their chances decreased to 15%.

However, it's important to keep in mind that while fertility problems are typically thought of as a female health concern, male variables like low sperm count and mobility can also have an impact on a couple's ability to conceive.

The average man carries about half as much sperm now as he did forty years ago, and most sperm does not naturally penetrate very far into the female reproductive system. In the absence of any physiologicalproblems, lifestyle choices could also be important. These could includedrinking too much alcohol or struggling with weight issues.

Today in this blog let’s discuss below mentioned advices for boosting fertility, which includes when to have sex and how much junk food to consume.

Friday 5 April 2024

पहला बच्चा होने के बाद क्या अब दिक्कत हो रही है माँ बनने में? जानिए क्या है सेकेंडरी इनफर्टिलिटी

एक बच्चे के जन्म के बाद जब दूसरी बार गर्भधारण करने में अक्षमता हो उससे सेकेंडरी इनफर्टिलिटी कहते है। सेकेंड्री इंफर्टिलिटी की घटनाएं संख्या में तेजी से बढ़ रही हैं। जबकि इंफर्टिलिटी अथवा बांझपन हर दिन चर्चा का विषय है, सेकेंड्री इंफर्टिलिटी के बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है, जबकि यह बांझपन का एक सामान्य रूप है। दूसरी बार गर्भधारण करने के लिए संघर्ष करने वाले जोड़ों को अक्सर बांझपन की बातचीत से बाहर रखा जाता है। जब हर्षित अरोरा  (उम्र 36 नाम बदला हुआ) एक बैंकिंग प्रोफेशनल और उनकी पत्नी सौम्या अरोरा  (उम्र 33 नाम बदला हुआ) एक गृहिणी जिनका 2018 में एक लड़के का जन्म हुआ था उन्होंने अपने परिवार को दूसरे बच्चे के साथ पूरा करने का फैसला किया, तो यह जानकर चैंक गए कि उनका अब कोई बच्चा नहीं हो सकता है क्योंकि सचिन चावला शुक्राणु की कम संख्या से जूझ रहे है जो कि गर्भ धारण करने में समस्या पैदा कर रहा है इसलिए सेकेंडरी इनफर्टिलिटी से पीड़ित है।

दोनों पति-पत्नी में सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के कारण हो सकते हैं--

महिलाओं में

  • एक्टोपिक गर्भधारण के कारण फैलोपियन ट्यूब को नुकसान
  • पूर्व गर्भधारण के दौरान हुई परेशानियां जैसे कि सी-सेक्शन
  • रुकावट जो फाइब्रॉएड के कारण होती है
  • मातृ आयु में वृद्धि और अंडे का कम उत्पादन

पुरुषों में

  • बढ़ती उम्र, वजन बढ़ना, अत्यधिक धूम्रपान और शराब पीना
  • कुछ दवाओं का उपयोग
  • शुक्राणु उत्पादन में कमी और वितरण

यदि आप सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के इन कारणों को नोटिस करते हैं, तो आपको तुरंत एक विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। मदरस लैप आईविऍफ़ सेंटर इसमें आपकी सहायता कर सकता  है। अधिक से अधिक लोग अब भारत में सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं और इसलिए, सूचित किया जाना बेहतर है।

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