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Sunday, 29 January 2023

In your 40’s and not pregnant? This is what you need to know..

Many things have changed for a while now. Earlier couples plan their family in the same year they get married but now a day’s marriages are happening after 30 so they plan after 5 years or even much later. People are career-oriented; some women freeze their eggs on time and later conceive. Despite the fact that more women are entering motherhood past the age of 40, getting and staying pregnant in your 40s can be difficult.

If you’re one of these women considering welcoming a new family member while in her 40s, there are steps you can take before and during your pregnancy to increase the likelihood that your new baby
is healthy and happy.

PREPARING FOR PREGNANCY IN YOUR 40’s

Seeing your gynecologist to prepare for pregnancy in your 40s is a wise first step. A  medical professional can check your existing health and screen you for any conditions that might make getting and staying pregnant more difficult or that may increase your risk of health complications during pregnancy.

If your doctor finds

Friday, 13 January 2023

नया साल में नई उम्मीदें - आईवीएफ है एक आशा भरी उम्मीद

Sanjh Sanjoli Magazine
मातृत्व का अहसास किसी भी हाल में जुबान से बयां नहीं किया जा सकता। मां बननें का सपना हर एक शादीशुदा महिला देखती है। व्यस्तम जीवनशैली और महिलाओं के कामकाजी होने या बांझपन के चलते भी महिलाओं के लिए संतान सुख अब परेशानियों को सबब नहीं रहा। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ एक ऐसी तकनीक है जिसमें महिलाओं मंे कृतिम गर्भाधान किया जाता है।

यह तकनीक महिलओं के लिए वरदान साबित हुई है। बीते दशक में इस तकनीक के प्रयोग बेहद बढ गया है। भागदौड और तनाव भरी जिंदगी में बांझपन और किराए की कोख यानी सरोगेट मदर्स का चलन भी बढा है। बहुत से महिलाएं ओवम यानी अंडाणु न बननाए गर्भाशय का  कमजोर होनाए थ्रेटंड एबरेशन और हेबिचुअल मिसकेरिज जैसे मामलों के कारण मां नही बन पातीं थी।

महिलाओं में 30 के बाद और पुरूषों में 35 वर्ष के बाद प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। आयु बढने के साथ ही महिलाओं में डिम्ब ग्रंथियों से स्त्री बीज कम संख्या में उत्सर्जित होने लगते हैं और वे आसानी से निषेचित नहीं होते हैं। साथ ही जीन से जुडी विकृतियों के बढने का भी खतरा रहता है। गर्भाशय की धारण क्षमता कम हो

जाने से गर्भाशय गर्भस्थ भू्रण को संभालने में असमर्थ रहता है। इस वजह से गर्भपात जैसी समस्याओं का भी खतरा बढ जाता है। ऐसे आईवीएफ तकनीक का प्रयोग कारगर होता है।

ऽ       डिंक कपल

डबल इनकम नो किड ;डिंक कपलद्ध धारणा रखने वाली महिलाएं भी इस तकनीक को लेकर बहुत उत्साहित है। कुछ वर्षाें पहले तक इस सपने को पूरा करने की कीमत अधिकतर कामकाजी महिलाओं को अपनी नौकरी छोडकर चुकानी पडती थी। लेकिन वक्त ने उन्हें इस जंग में भी जीत दिला दी है। आजकल मेट्रो शहरों में ज्यादातर कपल डबल इनकम नो किड में भरोसा रखते हैं।

कुछ सालों पहले तक भी युवतियां ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने पर विश्वास रखती थीं लेकिन इसके कारण अपनी फैमली लाइफ से कोई समझौता नहीं करती थीं। लेकिन अब कई बडे शहरों में ऐसा आसानी से देखने को मिल जाता है। इन शादीशुदा जोडों को जब तक इस बात का ख्याल आता है कि अधिक पैसा कमाने के चक्कर में उन्होंने अपने परिवार बनाने पर ध्यान नहीं दिया तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। परंतु आईवीएफ तकनीक के बदौलत ऐसी महिलाओं को भी संतान का सुख आसानी से मिल जाता है। इस तकनीक से मनचाहे गुणों वाली संतान उत्पन्न करने के प्रयास भी होते हेै।

ऽ       देर से होने वाली शादियां

45 साल के बाद मनुश्य का शरीर इस तरह के बड़े परिवर्तनों को झेलने की क्षमता खो देता है। पूरी दुनिया में प्रजनन संबंधी विषेशज्ञों और डाॅक्टरों का आम मत है कि 50 वर्ष की उम्र के बाद महिला के गर्भधारण और बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया जोखिम से भरी होती है, हांलाकि बीच-बीच में ऐसी खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं कि 60 या यहां तक कि 65 साल की महिला ने बच्चों को जन्म दिया।

40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में गर्भधारण की संभावना कुछ कारणों से कम हो सकती है। डायबीटीज या हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां होने के कारण अंडाणु कम बनते हैं या उम्र के कारण गर्भाशय में परिवर्तन होने लगते हैं और डिलीवरी कठिन हो जाती है। इसके अलावा जोड़ों में इतना लचीलापन नहीं रह जाता कि डिलीवरी आसानी से हो सके।

ऽ       आईवीएफ तकनीक के बारे में

आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसी तकनीक है जिसमें महिलाओं मंे कृतिम गर्भाधान किया जाता है। इसमें निंसंतान दंपत्तियों के अंडे व शुक्राणु को प्रयोगशाला में निषेचित कर भू्रण बनाया जाता है और उसके बाद उसे महिला के शरीर में ट्रांसफर किया जाता है।

आईवीएफ तकनीक का प्रयोग कर देश विदेश में कई महिलाओं को मां बनने का सुख मिल पाया है। आज हर एक महिला मां बनने का अहसास हासिल कर सकती है।

आईवीएफ के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हमें इस नंबर पे कॉल कर सकते है +91 9205268976 और अपॉइंटमेंट ले कर मिलने आ सकते है। मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर एक दशक पुराना केंद्र है, जिसमें अनुभवी और योग्य डॉक्टर आपकी सहायता के लिए उपलब्ध हैं। आप हमें फेसबुक पे भी फॉलो कर सकते है और वेबसाइट पे भी बाकी जानकारी उपलभ्द कर सकते है।