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Monday, 28 December 2020

Media Coverages of 2020

At Mother’s Lap IVF Centre, we aim to make the journey through infertility treatment as easy and successful as possible. Our "Plan of Management for Couples" helps to reduce anxiety by clearly outlining, at the outset, what to expect as they progress along their pathway of management.

Our team at the centre has made every effort to decrease the disruption in a patient's life by offering complete infertility services at one easily accessible location.

Mother’s Lap IVF Centre under the pragmatic approach of Dr. Shobha Gupta has expertise in the fertility domain and is known for offering the best course of IVF treatment. We ensure that the patient receives the best IVF treatment and go home

Tuesday, 15 December 2020

क्या शराब और धूम्रपान पुरुषों की प्रजनन क्षमता और सेक्स लाईफ को प्रभावित करते हैं?

निःसंतानता करीब 15 प्रतिशत जोड़ों को प्रभावित करने वाली एक आम समस्या बन गयी है। बिना गर्भनिरोधक के इस्तेमाल के एक साल तक प्रयास के बाद भी गर्भधारण में सफल नहीं होना निःसंतानता के रूप में परिभाषित किया जाता है । शराब और सिगरेट पीने जैसे लाइफस्टाइल फेक्टर्स को पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कारक बताया गया है। इनका सेवन स्पष्ट रूप से शुक्राणु बनावट और उत्पादन को प्रभावित करता है। धूम्रपान विषाक्त पदार्थों का स्त्राव करता है जो मुख्य रूप से शुक्राणु की गतिशीलता और वीर्य की गुणवत्ता में बाधा डालता है। शराब और सिगरेट की मात्रा का वीर्य की गुणवत्ता में गिरावट के अनुपात से सीधा संबंध है। पुरुष प्रजनन क्षमता पर उनके हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए और प्रजनन क्षमता में सुधार लाने के लिए सिगरेट, शराब और अवैध ड्रग्स के उपयोग, मनोवैज्ञानिक तनाव, मोटापा, भोजन और कैफिन उपयोग जैसे कुछ जीवनशैली कारकों में बदलाव की सलाह दी जाती है।

शराब के अधिक सेवन और धूम्रपान से

Sunday, 6 December 2020

निराशा में आशा की उम्मीद आईवीएफ

Sanjh Sanjoli Magazine
मातृत्व का अहसास किसी भी हाल में जुबान से बयां नहीं किया जा सकता। मां बननें का सपना हर एक शादीशुदा महिला देखती है। व्यस्तम जीवनशैली और महिलाओं के कामकाजी होने या बांझपन के चलते भी महिलाओं के लिए संतान सुख अब परेशानियों को सबब नहीं रहा। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ एक ऐसी तकनीक है जिसमें महिलाओं में कृतिम गर्भाधान किया जाता है।   

यह तकनीक महिलओं के लिए वरदान साबित हुई है। बीते दशक में इस तकनीक के प्रयोग बेहद बढ गया है। भागदौड और तनाव भरी जिंदगी में बांझपन और किराए की कोख यानी सरोगेट मदर्स का चलन भी बढा है। बहुत से महिलाएं ओवम यानी अंडाणु न बननाए गर्भाशय का कमजोर होनाए थ्रेटंड एबरेशन और हेबिचुअल मिसकेरिज जैसे मामलों के कारण मां नही बन पातीं थी। 

महिलाओं में 30 के बाद और पुरूषों में 35 वर्ष के बाद प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। आयु बढने के साथ ही महिलाओं में डिम्ब ग्रंथियों से स्त्री बीज कम संख्या में उत्सर्जित होने लगते हैं और वे आसानी से निषेचित नहीं होते हैं। साथ ही जीन से जुडी विकृतियों के बढने का भी